Janki Maa
Sita Maiya Dear devotees, here is a poem on our lovely Janki Maa- मोरी मइया सीता मइया भवसागर पार जाने के लिए, वो ही हैं एक नईया। सारे जगत से न्यारी हैं, मोरी मइया सीता मइया।। राम जी की प्रियतमा हैं, देवर जिनके हैं लक्ष्मण भइया। ऐसी प्यारी सी मां है, मोरी मइया सीता मइया।। पुत्र हैं जिनके हनुमान जी, सबसे बड़े लड़ईया। ऐसी जगतजननी हैं, मोरी मइया सीता मइया।। जिनके गुण गाते हुए, थकते नहीं कभी गवइया। सबको आशीर्वाद देती हैं, मोरी मइया सीता मइया।। अष्ट सिद्धि नौ निधि की स्वामिनी, सीधी जैसे गइया। राजा जनक की प्यारी हैं, मोरी मइया सीता मइया।। सबके आंसू पोंछने वाली, डूबती नावों की खिवईया। सबको शरण देने वाली, मोरी मइया सीता मइया।।